News Josh Live, 21 Sept, 2020
संसद में किसान बिलों पर विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने सोमवार को रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया। बता दें कि गेहूं के समर्थन मूल्य में 50 रुपए का इजाफा किया है। कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बंपर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP किसानों के लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है।
सबसे ज्यादा मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ाया
फसल | MSP (रु/प्रति क्विंटल) पहले | MSP (रु/प्रति क्विंटल) अब | अंंतर (रु/प्रति क्विंटल) |
गेहूं | 1925 | 1975 | 50 |
जौ | 1525 | 1600 | 75 |
सरसों | 4425 | 4650 | 225 |
चना | 4875 | 5100 | 225 |
कुसुम | 5215 | 5327 | 112 |
मसूर | 4800 | 5100 | 300 |
जानिए क्या है MSP ?
MSP वह गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।
अभी चर्चा में क्यों ?
केंद्र सरकार खेती-किसानी के क्षेत्र में सुधार के लिए तीन विधेयक लाई है। विपक्ष इन विधेयकों के खिलाफ है। उसे चिंता है कि कहीं MSP की व्यवस्था बंद नहीं हो जाए। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर साफ कर चुके हैं कि MSP खत्म नहीं होगा। मोदी ने आज भी कहा कि जिन लोगों को कंट्रोल अपने हाथ से निकलता नजर आ रहा है, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं।