News Josh Live, 14 Oct, 2020
हरियाणा में एक बार फिर से पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं पराली के धुएं से प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ जाता है। और इसका पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण जनमानस पर सांस की बिमारी, आखों में जलन, हृदय रोग, केंसर इत्यादि गंभीर बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। खेतों की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है क्योंंकि भूमि के उपरी स्तह पर ऐसे जीवाणु होते हैं जो जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं।
उन्होंने बताया कि किसान ऐसा मानते हैं कि खेतों में पराली जलाने से जहरीले किटाणु समाप्त हो जाते हैं जबकि उनका यह बिलकुल गलत है। उन्होंने बताया कि अब किसानों को अपने खेतों में धान की पराली जलाने की आवश्यकता नही है क्योंकि अब इस धान की पराली को खरीदने हेतू खरीददार उपलब्ध हैं।
एक एकड़ धान की पराली पर किसान को लगभग 2000 से 2500 रूपये की आमदनी होगी। कृषि विभाग द्वारा इस बारे गांव-गांव में सूचना चस्पा करवाई जा चुकी है कि किसान को धान की पराली कहां पर बेचनी है। किसान को अपनी पराली बेचने हेतू कहीं पर भी जाने की आवश्यकता नही है केवल एक फोन पर पराली खरीददार किसान के पास आकर पराली खरीद रहे हैं।