News Josh Live, 06 Nov, 2020
हरियाणा विधानसभा का हिस्सा पंजाब से लेने के लिए हरियाणा का प्रतिनिधि मंडल आज शाम 5 बजे पंजाब के गवर्नर बी पी बदनोर से मुलाकात करेगा।
इस दौरान पंजाब हरियाणा विधानसभा भवन में अपने हिस्से को लेकर अपनी मांग रखेगा। आपको बता दें कि इस प्रतिनिधि मंडल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यत चौटाल, नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला शामिल होंगे।
गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब के विधानसभा सचिवालय एक ही भवन में हैं। 17 अक्तूबर 1966 के दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के अनुसार जितना हिस्सा हरियाणा को मिलना चाहिए था, वह आज तक नहीं मिल सका। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष अपने कार्यकाल के शुरू से ही हरियाणा का हिस्सा लेने के लिए प्रयासरत हैं। हरियाणा की ओर से 1 मार्च 2019 को चंडीगढ़ प्रशासक के मुख्य अभियंता को अर्ध सरकारी पत्र लिखा गया था। लेकिन तब चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में हरियाणा को अवगत नहीं करवाया गया था।
इसके बाद 6 दिसंबर 2019 को ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह राणा से औपचारिक मुलाकात कर हरियाणा का हिस्सा देने की मांग की। इस मुलाकात के दौरान गुप्ता ने हरियाणा की मांग को लेकर राणा को लिखित पत्र भी सौंपा था।
ज्ञानचंद गुप्ता ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को बताया कि उस मुलाकात के दौरान पंजाब की ओर से हरियाणा का हिस्सा देने का आश्वासन दिया था। गुप्ता ने बताया कि गत सप्ताह पंजाब विधानसभा अध्यक्ष की ओर में मीडिया में बयान दिया, जिसमें हरियाणा को उसका हिस्सा देने से मना किया गया है।
66430 वर्ग फुट में से मात्र 24630 मांग रहा हरियाणा चंडीगढ़ के सेक्टर एक स्थित विधान भवन में कुल 66 हजार 430 वर्ग क्षेत्र है। 17 अक्तूबर 1966 को चंडीगढ़ के कैपिटल प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता की मौजूदगी में हरियाणा और पंजाब के बीच हुए समझौते के अनुसार 66 हजार 430 वर्ग फुट क्षेत्र में से 30 हजार 890 वर्ग फुट क्षेत्र पंजाब विधान सभा सचिवालय के लिए, 10 हजार 910 वर्ग फुट क्षेत्र पंजाब विधान परिषद के लिए जबकि 24 हजार 630 वर्ग फुट क्षेत्र हरियाणा विधानसभा सचिवालय के लिए निर्धारित हुआ था। इस प्रकार 66 हजार 430 वर्ग फुट क्षेत्र में से हरियाणा मात्र 24 हजार 630 वर्ग फुट क्षेत्र की मांग कर रहा है।